कोरिया: केद्र सरकार एवं राज्य शासन की महत्वपूर्ण पहल पर अब महात्मा गांधी नरेगा योजना में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए एक कारगर कदम उठाया गया है। अब ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से जुड़ी जानकारी बेहद सरल व सहज तरीके से प्राप्त हो सकेगी। आम नागरिक केवल मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत में लगे क्यूआर कोड को स्केन कर योजना की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। विदित हो कि जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर और सोनहत में गत सप्ताह ग्राम पंचायत सचिव, रोजगार सहायकों की बैठक लेकर इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए थे। सोनहत जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत अकलासरई से क्यूआर कोड सार्वजनिक तौर पर लगाए जाने की कार्यवाही आरंभ कर दी गई है।

क्यूआर कोड सिस्टम

महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त  तारन सिन्हा के निर्देश पर सभी ग्राम पंचायतों में क्यू आर कोड लगाया जा रहा है। इसके तहत ग्राम पंचायत में लगने वाले क्यूआर कोड को कोई भी आम नागरिक अपने मोबाइल से स्केन कर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की डिटेल जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा ग्राम पंचायतों मे बीते तीन वर्षों में कराए गए कार्यों की डिटेल भी क्यूआर कोड से प्राप्त हो सकेगी। आने वाले समय में यह पारदर्शिता के लिए एक बेहद बड़ा और कारगर कदम साबित होगा। यह क्यूआर कोड सभी ग्राम पंचायतों में सितंबर माह के अंत तक लगा लिया जाएगा। जिला पंचायत कोरिया से इस संबंध में सभी जनपदों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

मिलेंगी यह जानकारी

क्यूआर कोड से ग्राम पंचायत में प्रगतिरत, पूर्ण व स्वीकृत कार्यों की सूची प्राप्त हो सकेगी। बीते तीन वर्षों की यह जानकारी सिर्फ एक स्केन से मिलेगी। साथ ही क्यूआर कोड को स्केन करके आम नागरिक मनरेगा योजना की ग्राम पंचायत संबंधी मूलभूत जानकारी जैसे जाब कार्ड संख्या, सौ दिन का रोजगार करने वालों की संख्या, मानव दिवस की जानकारी आदि भी प्राप्त कर सकेंगे।
  
सीईओ डॉ आशुतोष चतुर्वेदी

कलेक्टर कोरिया  चंदन त्रिपाठी के निर्देशन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में क्यूआर कोड चस्पा किया जा रहा है। इस क्यूआर कोड को कोई भी आम नागरिक स्केन कर मनरेगा योजना के तहत कराए गए सभी कार्यों की डिटेल जानकारी अविलंब प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बीते तीन वर्षों की जानकारी भी इस कोड के स्केन से प्राप्त हो सकेगी। इस माह के अंत तक कोड चस्पा करने का यह कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा।

शासन की योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए यह एक अभिनव कदम साबित होगा। ग्राम पंचायतों में डिजिटल क्यूआर कोड लग जाने से महत्वपूर्ण जानकारी बेहद सरलता से मिल सकेगी। पूरे जिले में यह कार्य पूर्ण होते ही प्रत्यक्ष निगरानी में आम नागरिकों की सहभागिता को मजबूती मिलेगी। इससे जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में पारदर्शिता और जनसहभागिता में वृद्धि होगी।

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