

बलरामपुर: बलरामपुर जिले में प्रशासन का हिटलर शाही रवैया देखने को मिला है। जिन शिक्षकों ने स्कूल आने-जाने वाली जर्ज़र सड़क का मरम्मत किया, उन्हें अब कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया है, जबकि शिक्षकों ने स्कूल बंद होने के बाद वापस अपने घर लौटने के दौरान श्रमदान किया था और यह तब किया था जब लंबे समय बाद भी सड़क का मरम्मत जिम्मेदारों के द्वारा नहीं किया जा रहा था. प्रशासन के इस कार्यवाही पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जिन शिक्षकों ने सड़क का मरम्मत किया उन्हें ही नोटिस क्यों थमा दिया गया।
पिछले दिनों बलरामपुर जिले के राजपुर जनपद क्षेत्र में आने वाले ग्राम पंचायत धंधापुर के हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ने वाले शिक्षकों ने बलरामपुर और सूरजपुर जिले के बीच में स्थित बिल द्वार गुफा जंगल की सड़क का मरम्मत किया था क्योंकि सड़क के जर्ज़र होने के कारण उनकी गाड़ियां नहीं चल पा रही थी और श्रम दान का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया. इसके बाद प्रशासन की जमकर किरकिरी हुई और यहां तक की पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व डिप्टी सीएम TS सिंहदेव ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट में वायरल वीडियो को शेयर करते हुए सरकार पर हमला किया. बताया जाता है कि इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों को जर्जर सड़क की वजह से जमकर फटकार मिली और व्यवस्था दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया, लेकिन इस फटकार से नाराज अधिकारियों ने शिक्षकों को ही कारण बताओं नोटिस थमा दिया है, जिला शिक्षा अधिकारी अब उनके खिलाफ ही कार्यवाही की बात कर रहे हैं.
दूसरी तरफ सवाल यह भी उठ रहा है कि जब प्रशासन के द्वारा ही कई बार श्रमदान कराया जाता है। साफ सफाई के अलावा अलग-अलग कार्य श्रमदान के द्वारा ही किया जाता है। आईएएस, आईपीएस और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी श्रमदान करते हुए कई बार देखे जाते हैं. उसका भी वीडियो बनाया जाता है और वह भी वायरल होता है तब उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि शिक्षकों को मानसिक रूप से परेशान करने के नियत से इस तरह नोटिस जारी किया गया है, अब शिक्षक एक दिन की छुट्टी लेंगे, उसके बाद नोटिस का जवाब देने दफ्तर पहुंचेंगे, वहां बाबू और दूसरे कर्मचारियों की आगे पीछे होंगे, साहब से मुलाकात करेंगे, उन्हें सफाई देंगे, कई तरह के उनसे सवाल पूछे जाएंगे। सोचिए क्या शिक्षकों ने इतना बड़ा गुनाह किया है या सिर्फ और सिर्फ अपनी गलती ढकने के लिए प्रशासन के द्वारा नोटिस जारी किया गया है.
हालांकि इस पूरे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बलरामपुर डी एन मिश्रा ने कहा है कि शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया है और उनके जवाब का इंतजार किया जा रहा है,





















