बलरामपुर/रामानुजगंज।बलरामपुर जिले के रामानुजगंज निवासी पंकज विश्वकर्मा ने आयुक्त उच्च शिक्षा विभाग रायपुर, क्षेत्रीय अपर संचालक उच्च शिक्षा विभाग सरगुज़ा के नाम बलरामपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा कि शासकीय लरंग साय पी.जी. महाविद्यालय रामानुजगंज में स्व वित्तीय योजना के तहत अतिथि शिक्षक भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया गया था। विज्ञापन में शिक्षक की नियुक्ति चयन समिति के माध्यम से साक्षात्कार प्रकिया द्वारा किया गया। पंकज विश्वकर्मा विगत चार साल से पीजीडीसीए शिक्षक के रूप सेवा दे रहा था साथ में बी.सी.ए डी.सी.ए का भी कक्षा का अध्यापन कराता था। मेरे विरुद्ध छात्र-छात्राओं द्वारा किसी प्रकार का कोई शिकायत नहीं था। लेकिन प्राचार्य रोस लिली बड़ा के पक्षपात तानाशाही भेदभाव मनमानी नियम विरुद्ध कार्य प्रताड़ना जो उनके व्यवहार में शामिल है। जब इस व्यवहार का विरोध किया गया तो प्रार्थी को पद से हटा दिया गया और नई नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया। प्रार्थी ने आवेदन भी किया था अनुभव प्रमाण पत्र भी लगाया था साक्षात्कार में भी समिति के समक्ष उपस्थित हुआ था उनके पूछे गए सभी सवालों का जवाब भी दिया था। इसके बावजूद प्राचार्य ने नियुक्ति हेतु ऐसे व्यक्ति का चयन किया जो मेरे से कम अनुभवी साथ ही न तो मेरिट सूची जारी किया न चयन सूची न दावा आपत्ति मंगाया गया न स्पष्ट बताया गया। बल्कि कूटनीति पूर्वक नियम विरुद्ध तानाशाही नियर्मों को ताक कर लापरवाही से किसी अन्य व्यक्ति की नियुक्ति कर दिया है। इसमें चयन समिति के संयोजक रमेश कुमार खैरवार जो महाविद्यालय में स्वयंभू प्राचार्य ने चयन प्रक्रिया की गड़बड़ी करने में बखूबी प्राचार्य का साथ दिया है जो जांच का विषय है। जब प्रार्थी ने उक्त संदर्भ में प्राचार्य एवं अन्य स्टाफ से जानकारी चाहा तो किसी ने बताने इनकार कर दिया कि प्राचार्य ने मना किया है इस प्रकार प्राचार्य के तानाशाही व्यवहार से सभी डरे सहमे हुए हैं।

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