रायपुर। NEET-UG काउंसलिंग 2025 से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला हाईकोर्ट बिलासपुर में सुनवाई के बाद स्पष्ट हुआ। एक अभ्यर्थी ने छत्तीसगढ़ निदेशालय चिकित्सा शिक्षा (CGDME) द्वारा जारी एडिट ऑप्शन को चुनौती दी थी। याचिका में दावा किया गया कि श्रेणी और क्वोटा बदलने की सुविधा अमान्य है और इसी आधार पर 12 अगस्त को जारी हुई मेरिट लिस्ट को निरस्त किया जाए।

याचिका खारिज, छात्रों को मिली राहत

सुनवाई के दौरान CGDME ने अपना पक्ष मजबूती से रखा। इसके बाद हाईकोर्ट ने अभ्यर्थी की याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने स्पष्ट किया कि CGDME द्वारा जारी मेरिट लिस्ट पूरी तरह वैध है और उसी के आधार पर किए गए सीट आवंटन को मान्यता प्राप्त है। यह फैसला उन सभी छात्रों के लिए राहत की खबर है, जिन्होंने पहले चरण की काउंसलिंग में भाग लिया था।

पहले और दूसरे चरण की काउंसलिंग

जानकारी के अनुसार, 23 अगस्त तक पहले चरण की काउंसलिंग पूरी हो गई थी। हजारों अभ्यर्थियों ने मेडिकल, डेंटल और फिजियोथैरेपी की सीटों के लिए हिस्सा लिया और दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया पूरी की। वहीं, केंद्रीय एजेंसी MCC ने ऑल इंडिया कोटे की काउंसलिंग के दूसरे चरण की तिथि स्थगित कर दी, जिसका असर राज्य स्तरीय काउंसलिंग पर भी पड़ा। CGDME ने नई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी है।

अभ्यर्थियों को सलाह

CGDME ने सभी छात्रों से अपील की है कि वे विभाग की वेबसाइट पर समय-समय पर अपडेट चेक करते रहें। काउंसलिंग पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से हो रही है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। हाईकोर्ट का फैसला छात्रों के लिए संकेत है कि पूरी प्रक्रिया विधिसम्मत है और मेरिट लिस्ट या एडिट ऑप्शन को लेकर कोई संदेह नहीं है।

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