रायपुर: निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू की संपत्ति जांच को लेकर उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रायपुर स्थित तुलसी गांव में बने मकान, फॉर्म हाउस और दुकान की अब पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) द्वारा जांच की जाएगी। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पीडब्ल्यूडी मुख्यालय से रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद रायपुर संभाग क्रमांक-2 को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

पीडब्ल्यूडी की जांच का दायरा

टीम यह पता लगाएगी कि मकान और फॉर्म हाउस कब बने और उस पर कितना खर्च हुआ। भवन में लगे दरवाजे, खिड़कियां, फॉल सीलिंग, प्लंबर वर्क, इंटीरियर डेकोरेशन, बाउंड्री वॉल, लॉन और मॉड्यूलर किचन जैसे कामों की लागत का आकलन किया जाएगा। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, फिटिंग्स, पंप, एसी और अन्य लग्जरी आइटम्स पर खर्च की भी जांच होगी।

जमीन और निर्माण को लेकर सवाल

यह मकान कृषि भूमि पर बने हैं। ऐसे में टीम यह भी देखेगी कि क्या निर्माण के लिए पंचायत से अनुमति (NOC) ली गई थी या नहीं। तुलसी गांव के सरपंच सुरेश कुमार धीवर का कहना है कि मकान बिना पंचायत की अनुमति के बनाए गए हैं।

ईडी और एसीबी की कार्रवाई

बता दें कि रानू साहू को जुलाई 2023 में ईडी ने DMF और कोल स्कैम मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईओडब्ल्यू ने भी FIR दर्ज की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने 3 मार्च 2024 को उन्हें जमानत दे दी, जिसमें शर्त रखी गई है कि वे राज्य से बाहर रहेंगी और केवल कोर्ट या जांच एजेंसी की आवश्यकता पर ही छत्तीसगढ़ आएंगी।

फिलहाल, रानू साहू की संपत्ति जांच ACB और PWD की निगरानी में जारी है और टीम जल्द ही मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू करेगी।

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