

सूरजपुर। प्रदेशभर में एनएचएम कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन लगातार तेज़ होता जा रहा है। नियमितीकरण, ग्रेड पे और 27% लंबित वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर 18 अगस्त से हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्यकर्मी अब अनोखे अंदाज़ में सरकार से अपनी बात मनवाने की कोशिश कर रहे हैं।हड़ताल के आठवें दिन सूरजपुर न्यू बस स्टैंड धरनास्थल पर महिला कर्मचारियों ने तीज से पहले हाथों में मेंहदी लगाकर अपनी मांगें पूरी करने की गुहार लगाई।

प्रदेशभर में 16,000 से अधिक कर्मचारी आंदोलन में शामिल हैं, जिनमें सूरजपुर जिले के लगभग 600 कर्मचारी रोज़ाना धरना स्थल पर मौजूद रहते हैं। हड़ताल के चलते जिले के ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं। कई अस्पतालों में ताले लटक गए हैं, ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और प्रसव सेवाएं पूरी तरह बंद हो चुकी हैं। मरीज इलाज के लिए भटकने को मजबूर हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि भाजपा के घोषणा पत्र और “मोदी की गारंटी” में संविदा कर्मचारियों के 100 दिन में नियमितीकरण का वादा किया गया था, लेकिन 20 महीने बाद भी सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इस दौरान 160 से अधिक ज्ञापन और निवेदन दिए जा चुके हैं।
संघ पदाधिकारियों का कहना है कि पिछले 20 सालों से कर्मचारी शोषण और उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता, आंदोलन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।






















