बलरामपुर: जिले में स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने, महिला स्व-सहायता समूहों की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा तथा ग्रामीण उद्यमिता को नई दिशा देने के उद्देश्य से साप्ताहिक बाजार परिसर में सात दिवसीय आकांक्षा हॉट 27 जुलाई से 02 अगस्त 2025 तक आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन के अंतर्गत जिले के विभिन्न विकासखण्डों से आये स्व-सहायता समूहों के महिलाओं के द्वारा स्थानीय स्तर के विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।

समूह की महिलाओं को प्रोत्साहित करने जिला पंचायत अध्यक्ष  हीरामुनी निकुंज, रेड क्रॉस सोसायटी अध्यक्ष ओम प्रकाश जायसवाल, जनपद अध्यक्ष सुमित्रा चेरवा, उपाध्यक्ष  बबली देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधि आकांक्षा हॉट पहुंचे। उन्होंने हाट का भ्रमण कर वहाँ प्रदर्शित स्थानीय उत्पादों, स्व-सहायता समूहों द्वारा निर्मित सामग्रियों का अवलोकन किया। प्रत्येक स्टॉल पर पहुंच समूहों एवं बिक्री गतिविधियों की जानकारी ली तथा महिला समूहों की भागीदारी की सराहना की। उन्होंने समूह की दीदियों से संवाद कर प्रोत्साहित भी किया। इस दौरान जनप्रतिनिधियों ने समूहों से विभिन्न उत्पाद जैसे काष्ठ कला से बने उत्पाद, विभिन्न जैविक उत्पाद एवं वन औषधियां भी खरीदी।

आकांक्षा हॉट में स्व-सहायता समूह के द्वारा सरसों तेल, शुद्ध मशाला एवं सत्तू, चांगरो की सुगंधित जीराफूल चावल, रागी आटा ,रागी का लड्डू, लकड़ी एवं मिट्टी से बने आकर्षक माटिकला एवं काष्ठकला, वस्त्र, विभिन्न औषधियों का प्रदर्शन किया गया। रागी आटा और रागी से बने लड्डु ऐसे उत्पाद न केवल स्वाद में बढ़िया हैं बल्कि पोषण की दृष्टि से भी लाभकारी हैं। जीराफूल चावल जैसे स्थानीय उत्पाद भी स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं। बदलते दौर के साथ हमें खान-पान में भी विशेष ध्यान देना होगा ऐसे ही स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों से हम स्वस्थ्य रह सकते हैं। मिट्टी और लकड़ी से तैयार की गई माटिकला और काष्ठकला की वस्तुएं भी आकर्षण का केंद्र रहीं। जिनमें लकड़ी की नक्काशीदार कलाकृतियां को प्रदर्शित किया गया। स्व-सहायता समूहों की महिलाएं न केवल उत्पाद निर्माण में दक्ष हैं बल्कि आकांक्षा हॉट के माध्यम से दीदियां विपणन, ग्राहकों से संवाद और वित्तीय प्रबंधन में भी कुशल दिखाई दीं। समूह की दीदियां कहती है कि शासन-प्रशासन के सहयोग से अपनी कला का प्रदर्शन करने मंच मिला है, जहाँ हम अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुँचा पा रहे हैं। इससे आय के स्रोत के साथ हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

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