दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां दो नन (ईसाई मिशनरी से जुड़ी महिलाएं) बस्तर की आदिवासी किशोरियों को कथित रूप से बहला-फुसलाकर आगरा ले जाने की कोशिश कर रही थीं। सतर्क स्थानीय नागरिकों ने बच्चियों की संदिग्ध गतिविधियों को देखकर तुरंत रेलवे पुलिस और प्रशासन को जानकारी दी। समय रहते कार्रवाई कर इस मानव तस्करी की कोशिश को नाकाम कर दिया गया।

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन आदिवासी लड़कियों को किसी विशेष धर्म में जबरन धर्मांतरण के उद्देश्य से ले जाया जा रहा था। दोनों ननों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रशासन ने इस संवेदनशील मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

इस घटना को लेकर सांसद विजय बघेल ने संसद के शून्यकाल में कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ मानव तस्करी नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति और पहचान पर हमला है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि ऐसे मामलों के लिए सख्त कानून बनाकर आदिवासी बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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