रायपुर।राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने कोरबा जिले के बहुचर्चित DMF घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मंगलवार को विशेष अदालत में करीब 6,000 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट पेश की। यह घोटाला वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान जिला खनिज न्यास निधि (DMF) के 75.1 करोड़ रुपये की बंदरबांट से जुड़ा है।

चार्जशीट में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, पूर्व कलेक्टर रानू साहू, व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और सहायक आयुक्त माया वारियर को इस घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। इनके अलावा पांच अन्य अधिकारियों मनोज द्विवेदी, भुनेश्वर सिंह राज, भरोसा राम ठाकुर, वीरेन्द्र राठौर और राधेश्याम मिर्झा को भी आरोपी बनाया गया है।EOW की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने सुनियोजित साजिश के तहत अपने प्रायोजित ठेकेदारों और वेंडरों के माध्यम से टेंडर हासिल किए और कुल राशि का 40% तक कमीशन के रूप में वसूला। इस भ्रष्टाचार से शासन को करोड़ों की आर्थिक क्षति पहुंचाई गई।

चार्जशीट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत दाखिल की गई है। सभी आरोपी फिलहाल रायपुर के केंद्रीय जेल में न्यायिक रिमांड पर हैं। EOW के अनुसार मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य खुलासे भी संभव हैं।

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