

बीजापुर: जिले में नक्सल विरोधी अभियान को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। बीजापुर जिले में 24 लाख रुपये के इनामी 6 माओवादियों सहित कुल 9 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प लिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली विभिन्न क्षेत्रों में लंबे समय से संगठन से जुड़े थे और कई गंभीर घटनाओं में शामिल रहे हैं।
माड़ डिविजन की कंपनी नं. 01, प्लाटून 12 व 13 के एसीएम, दक्षिण बस्तर डिवीजन की टेक्निकल टीम सदस्य, धमतरी-गरियाबंद-नुआपाड़ा डिवीजन के पार्टी सदस्य, भूमकाल मिलिशिया कमांडर और डीएकेएमएस के सदस्य शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वालों में बक्सू ओयाम (इनाम 8 लाख), बुधराम पोटाम (5 लाख), हिड़मा ऊर्फ हिरिया (5 लाख), मंगू उईका (2 लाख), रोशन कारम (2 लाख), मंगलो पोड़ियाम (2 लाख) प्रमुख हैं। इसके अलावा कमलू हेमला, बुधराम हेमला और पंडरू पूनेम जैसे सक्रिय नक्सली भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल हैं।
अधिकारियों के मुताबिक बीजापुर समेत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शासन द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं, सुरक्षा कैम्पों की स्थापना, सड़कों और अन्य आधारभूत सुविधाओं का विस्तार तथा शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के चलते माओवादियों का संगठन से मोहभंग हो रहा है। आंतरिक कलह, विचारधारा से असहमति और एक सुरक्षित जीवन की चाह ने उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया।
छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत प्रत्येक आत्मसमर्पित नक्सली को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का चेक प्रदान किया गया। यह पहल उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है।
बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव ने माओवादियों से अपील की है कि वे भ्रामक विचारधाराओं को त्याग कर शासन की पुनर्वास नीति का लाभ लें। उन्होंने बताया कि अब तक जिले में सैकड़ों माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं और आने वाले समय में और भी माओवादी संगठन छोड़ सकते हैं।
आत्मसमर्पण अभियान में डीआरजी, बस्तर फाइटर, एसटीएफ, सीआरपीएफ की विभिन्न बटालियनों और कोबरा की यूनिट्स का विशेष योगदान रहा। यह सफलता शासन और सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता का परिणाम है, जो नक्सल उन्मूलन की दिशा में लगातार कार्यरत हैं।






















