

नारायणपुर। अबूझमाड़ के नेंदुर-गवाडी जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षाबलों ने प्लाटून नंबर-16 की कमांडर एवं पीपीसी सचिव सोढ़ी विमला को मार गिराया। विमला पर 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।मुठभेड़ स्थल से महिला माओवादी का शव, एक .303 रायफल, एक .315 बोर रायफल, दो बीजीएल लांचर, रेडियो सेट समेत 19 किलो तरल विस्फोटक (जिलेटिन स्टिक) बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि बरामद विस्फोटक से आईईडी तैयार किए जा सकते थे।सूचना मिलने पर 4 सितंबर से ही नारायणपुर और दंतेवाड़ा डीआरजी तथा एसटीएफ की संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान चला रही थी। 5 सितंबर को जब संयुक्त पुलिस बल नेंदुर-गवाडी के पहाड़ी जंगलों में पहुंचा, तो छिपे हुए माओवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए एक महिला नक्सली को मार गिराया। मौके पर खून के धब्बे मिलने से आशंका है कि कई अन्य नक्सली भी गोली लगने से घायल हुए हैं।
एसपी नारायणपुर रोबिनसन गुड़िया ने कहा कि प्लाटून 16 माड़ डिवीज़न अंतर्गत सक्रिय रहकर कई नक्सल घटनों में शामिल रहा है। न्यू कैम्प एडजूम स्थापित होने से इंद्रावती और पूर्व बस्तर क्षेत्र के नक्सलियों में घबराहट है।अबूझमाड़ अब नक्सलियों के लिए सुरक्षित नहीं रहा और लगातार मानसून में चुनौतीपूर्ण परिस्थियों में भी ऑपरेशंस से नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। अबूझमाड़ से नक्सलवाद को समाप्त करने के निर्णायक चरण में हम प्रवेश कर चुके हैं। जो लोग नक्सलवाद की खोखली विचारधारा से भ्रमित हैं और विकास की राह में बाधा बन रहे हैं, उन्हें आत्मसमर्पण कर सम्मानपूर्वक जीवन अपनाकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहिए अन्यथा उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज सुंदरराज पट्टलिंगम ने कहा“पूरे बस्तर संभाग में प्रतिबंधित व अवैध माओवादी संगठन सीपीआई-माओवाद के विरुद्ध एक सशक्त अभियान जारी है। बस्तर पुलिस इस अभियान की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। मानसून जैसी विषम परिस्थिति में भी यह सफलता सुरक्षा बलों के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है कि बस्तर में स्थायी शांति, प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।”






















