

नारायणपुर। सुरक्षा बलों की लगातार दबाव और पुलिस के बढ़ते प्रभाव से नक्सली संगठन की पकड़ कमजोर पड़ती जा रही है। इसी क्रम में बुधवार को कुल 30 लाख रुपए इनामी 8 नक्सलियों ने नारायणपुर पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने की शपथ ली। इनमें 6 पुरुष और 2 महिला माओवादी शामिल हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों में डीवीसीएम, पीपीसीएम, एसीएम, पार्टी सदस्य और ब्यूरो सप्लाई टीम के सदस्य शामिल रहे। इनमें डीवीसीएम डॉ. सुखलाल जुर्री (8 लाख इनामी) और पीपीसीएम हिमांशु मिडियाम (8 लाख इनामी) जैसे कुख्यात कैडर भी शामिल हैं। इसके अलावा एसीएम कमला गोटा,राजू पोडियाम, दीपा पुनेम, मनीराम कोर्राम, सुक्कू फरसा और रामू पोयाम ने भी हथियार डाल दिए।
इंट्रोगेशन में आत्मसमर्पित नक्सलियों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि शीर्ष माओवादी लीडर्स आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन की रक्षा और समानता का झूठा सपना दिखाकर उन्हें गुलाम बनाते हैं। महिला नक्सली कमला गोटा ने खुलासा किया कि संगठन में महिलाओं का सबसे ज्यादा शोषण होता है, उनका जीवन नर्क जैसा बना दिया जाता है।
आत्मसमर्पित सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि का चेकमदिया गया और छत्तीसगढ़ सरकार की नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।इस मौके पर आईटीबीपी और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी, जवान एवं बड़ी संख्या में मीडिया कर्मी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 में अब तक 148 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जो नक्सल उन्मूलन अभियान की बड़ी सफलता मानी जा रही है।






















