

नारायणपुर; बस्तर रेंज में चलाए जा रहे “पूना मारगेम : पुनर्वास से पुनर्जीवन” अभियान को आज एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि मिली है। जिला नारायणपुर में कुल 28 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। इनमें से 19 महिला माओवादी हैं जिन पर कुल 89 लाख का इनाम घोषित था। यह बड़ी संख्या बताती है कि माओवादी विचारधारा का प्रभाव कमज़ोर पड़ रहा है और लोग अब शांति एवं विकास की ओर लौटने को तैयार हैं।
छत्तीसगढ़ शासन, भारत सरकार, बस्तर पुलिस, स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों का यह परिणाम माना जा रहा है। क्षेत्र में लगातार संवाद, विश्वास निर्माण और विकास कार्यों ने माओवादी कैडरों को पुनर्वास की ओर प्रेरित किया है। अधिकारियों का कहना है कि *‘पूना मारगेम’ अभियान बस्तर में स्थायी शांति की आधारशिला साबित हो रहा है।
आज पुनर्वास होने वाले कैडरों में विभिन्न स्तरों के सदस्य शामिल हैं
Maad Division DVCM Member, PLGA कंपनी-06 के मिलिट्री सदस्य, एरिया कमेटी सदस्य (ACM), टेक्निकल टीम सदस्य, मिलिट्री प्लाटून PPCM, SZCM भास्कर की गार्ड टीम के सदस्य, सप्लाई टीम (PM), LOS सदस्य तथा जनताना सरकार के सदस्य। सभी ने मुख्यधारा में जुड़कर सम्मान, सुरक्षा और बेहतर भविष्य की राह अपनाने का निर्णय लिया।
पुनर्वास कार्यक्रम के दौरान 3 माओवादी कैडरों ने SLR, INSAS और .303 रायफल सहित 3 हथियार भी सुरक्षा बलों को सौंपे। यह कदम न केवल हिंसा से दूरी का संकेत देता है बल्कि सुरक्षा बलों और शासन पर उनके बढ़ते विश्वास को भी दर्शाता है।
नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रॉबिन्सन गुड़िया ने जानकारी दी कि आज की इस कार्रवाई के बाद वर्ष 2025 में जिले में आत्मसमर्पण करने वाले माओवादी कैडरों की संख्या बढ़कर 287 हो गई है। यह आँकड़ा दर्शाता है कि क्षेत्र में शांति, विश्वास और विकास की प्रक्रिया लगातार गति पकड़ रही है।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पत्तिलिंगम ने कहा कि “28 माओवादी कैडरों का पुनर्वास साबित करता है कि हिंसक और जनविरोधी विचारधारा का अंत अब निकट है। लोग ‘पूना मारगेम’ अभियान पर भरोसा जताते हुए शांति और प्रगति की राह चुन रहे हैं।” IGP ने बताया कि पिछले 50 दिनों में बस्तर रेंज में 512 से अधिक माओवादी कैडर सामाजिक मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।
कार्यक्रम में कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई, एसपी रॉबिन्सन गुड़िया, तथा आईटीबीपी और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग, पत्रकार और जवान उपस्थित रहे।






















