कोरबा। जिले के सिविल लाइन थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है, जहां गले में चना फंसने के कारण दो साल के बच्चे की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।

मिली जानकारी के अनुसार, मध्यप्रदेश के राजगढ़ निवासी छोटू कुमार, जो कोरबा में पानीपुरी बेचने का काम करते हैं, का बेटा दिव्यांश आंगन में खेलते हुए कमरे में चला गया और वहां रखे चने को निगल गया। इसके बाद बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने लगी और वह जोर-जोर से रोने लगा।

परिजन उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय लेकर पहुंचे, लेकिन उनका आरोप है कि चिकित्सकों ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया। उनका कहना है कि डॉक्टरों द्वारा बार-बार यही कहा जा रहा था कि “वरिष्ठ डॉक्टर आकर देखेंगे”, जिससे इलाज में देरी हुई और बच्चे की जान चली गई।

इस मामले में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हरबंश ने सफाई देते हुए कहा कि जब बच्चा अस्पताल पहुंचा, तभी उसकी हालत गंभीर थी। चिकित्सकों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया। लेकिन चना फेफड़ों तक चला गया था और इंटरनल ब्लीडिंग भी शुरू हो गई थी, जिससे बच्चा नहीं बच पाया। उन्होंने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया है।

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