नारायणपुर: अबूझमाड़ को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में नारायणपुर पुलिस प्रशासन लगातार मजबूती के साथ कदम बढ़ा रहा है। इसी क्रम में एक साल के भीतर 19वां सुरक्षा एवं जनसुविधा कैम्प थाना ओरछा क्षेत्रांतर्गत घोर नक्सल प्रभावित ग्राम पदमेटा में स्थापित किया गया। यह कैम्प सुरक्षा, विकास और जनसुविधाओं को अबूझमाड़ के दूरस्थ अंचलों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

“माड़ बचाओ अभियान” के अंतर्गत नारायणपुर पुलिस, डीआरजी तथा आईटीबीपी 44वीं बटालियन ने संयुक्त रूप से यह नया कैम्प स्थापित किया है। इसका उद्देश्य नक्सल विरोधी अभियानों को गति देना, सड़क निर्माण जैसे विकास कार्यों को सुरक्षा प्रदान करना और लोगों को सड़क व मोबाइल नेटवर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं से जोड़ना है।

पदमेटा में कैम्प खुलने से स्थानीय ग्रामीणों में उत्साह का माहौल है और सुरक्षा की भावना भी बढ़ी है। यह कैम्प थाना ओरछा से 35 किमी, आदेर से 30 किमी, कुड़मेल से 15 किमी, जाटलूर से 14 किमी और डोडीमरका से 6 किमी की दूरी पर स्थित है।पदमेटा कैम्प खुलने से ताडवाड़ा, रासमेटा, मलंगा, हिपु, करंगुल, मुरूमवाड़ा और कुमनार सहित कई गांवों में सड़क, पुल-पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और मोबाइल नेटवर्क की सुविधाएं तेजी से पहुंचने की उम्मीद है। सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होने से विकास कार्यों में बाधाएं भी कम होंगी।

नारायणपुर पुलिस ने वर्ष 2025 में अबूझमाड़ के नक्सल प्रभावित कई अंदरूनी इलाकों  कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, तोके, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका और अब पदमेटा  में लगातार कैम्प स्थापित कर सुरक्षा के दायरे का विस्तार किया है।

इस कैम्प स्थापना में बस्तर रेंज आईजी  पी. सुन्दराज, कांकेर रेंज डीआईजी अमित कांबले, एसपी नारायणपुर  रोबिनसन गुरिया सहित आईटीबीपी 27वीं, 38वीं, 40वीं और 44वीं वाहिनी, डीआरजी और बस्तर फाइटर्स का विशेष योगदान रहा। वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में स्थापित यह कैम्प अबूझमाड़ में शांति और विकास के नए अध्याय की शुरुआत है।

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