

अंबिकापुर: सरगुजा जिले के थाना गांधीनगर पुलिस ने एक बड़ा खुलासा करते हुए फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर आपराधिक षड्यंत्र के तहत सुदखोरी करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से घटना में प्रयुक्त मोबाइल फोन और स्टांप पेपर जब्त किए हैं। वहीं, मामले में शामिल एक आरोपी फरार बताया गया है, जिसकी तलाश जारी है।
दरअसल इस मामले की शुरुआत तब हुई जब नवापारा गोधनपुर रोड निवासी अल्का सिंह ने थाना गांधीनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि उन्होंने परिचित अनुपमा सिंह से 13 लाख का ऋण लिया था, जिसमें से 11 लाख 82 हजार रुपये वे चुका चुकी हैं। इसके बावजूद अनुपमा सिंह 10 प्रतिशत मासिक ब्याज दर से ₹18 लाख रुपये की मांग कर रही थी और उन्हें गाली-गलौज कर प्रताड़ित कर रही थी।
शिकायत पर थाना गांधीनगर में अपराध क्रमांक 423/25 दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई। जांच के दौरान नगर पुलिस अधीक्षक अंबिकापुर के निर्देशन में विस्तृत जांच की गई, जिसमें यह तथ्य सामने आया कि आरोपिया अनुपमा सिंह ने अपने साथियों अनुज सिंह, पंकज चौधरी और भक्कू राम मुंडा के साथ मिलकर सुदखोरी का पूरा षड्यंत्र रचा था।पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने ब्याज पर पैसा देने और उससे अवैध लाभ कमाने की नीयत से कुल ₹26 लाख विभिन्न व्यक्तियों से उधार लिया था। इन पैसों में से ₹13 लाख उन्होंने अल्का सिंह को दिए और बाद में उससे मनमाने ब्याज की मांग करने लगे। इतना ही नहीं, आरोपियों ने पीड़िता और उसके पति के तीन हस्ताक्षरशुदा कोरे चेक लेकर उनमें अपनी मर्जी से राशि भर दी।इसके साथ ही आरोपियों ने 50 रुपये के स्टांप पेपर पर फर्जी अनुबंध तैयार कराया और पीड़िता की अनुपस्थिति में कूटरचित दस्तावेज़ बनाकर न्यायालय में अवैध लाभ प्राप्त करने की कोशिश की। जांच में यह भी सामने आया कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने का कार्य पंकज चौधरी द्वारा कराया गया था, जिसने पुलिस पूछताछ में इसे स्वीकार किया है।
पुलिस ने अनुपमा सिंह (45 वर्ष, निवासी पटपरिया, थाना गांधीनगर)पंकज चौधरी (35 वर्ष, निवासी दर्रीपारा, थाना मणिपुर)भक्कू राम मुंडा (40 वर्ष, निवासी दर्रीपारा, थाना मणिपुर)अनुज सिंह (43 वर्ष, निवासी मायापुर, थाना अंबिकापुर) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।फरार आरोपी की तलाश जारी है।
इस पूरे मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप जायसवाल, उपनिरीक्षक नवल किशोर दुबे, महिला आरक्षक प्रिया रानी और आरक्षक अतुल शर्माकी भूमिका सराहनीय रही।






















