

बीजापुर: बारिश के मौसम में बीजापुर जिले के कई गांव ऐसे होते हैं जहाँ तक पहुँचना ही बड़ी चुनौती बन जाता है। घने जंगलों, उफनती नदी–नालों और कच्चे रास्तों से घिरे ये गांव बरसात में लगभग जिला मुख्यालय से कट जाते हैं। ऐसे कठिन भौगोलिक हालात के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाए गए दो दिवसीय शिविर ने ग्रामीणों के लिए उम्मीद की नई किरण जगाई है।
भोपालपटनम ब्लॉक की स्वास्थ्य टीम ने फरसनार, कर्कवाड़ा, गोडनुगर, दूदेपल्ली और केरपे जैसे पाँच पहुंचहीन गांवों तक पहुंचने के लिए जोखिम उठाया। टीम को कई स्थानों पर टूटी सड़कों और बंद रास्तों के कारण पैदल यात्रा भी करनी पड़ी। ग्रामीणों का कहना है कि लगातार कई महीनों तक बारिश के चलते इन गांवों तक न तो वाहन पहुँच पाते हैं और न ही कोई स्वास्थ्य सुविधा। ऐसी स्थिति में यह शिविर उनके लिए जीवनदायी साबित हुआ।
ग्रामीण दिनेश ने अपनी बात रखते हुए कहा, “बरसात के मौसम में कई-कई महीने तक हमारे गांवों में कोई सुविधा नहीं पहुँचती। दवा, इलाज सब बंद हो जाता है। ऐसे में यह स्वास्थ्य शिविर हमारे लिए राहत लेकर आया है।”
शिविर में शामिल चिकित्सक डॉ. चंद्रशेखर ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की पहल और बीजापुर जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य अमले ने संयुक्त रूप से यह दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। टीम ने न केवल मरीजों का उपचार किया बल्कि ग्रामीणों को बरसात के बाद फैलने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक भी किया। विशेष रूप से मलेरिया, डेंगू, दस्त और वायरल बीमारियों से बचाव संबंधी जानकारियाँ दी गईं।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस शिविर के दौरान कुल 166 ग्रामीणों की जांच और उपचार किया गया। इनमें 40 मलेरिया मरीज, 28 बुखार के मरीज, 15 सर्दी–जुकाम, 10 दस्त के मरीज शामिल रहे। इसके अलावा कई ग्रामीणों की सामान्य व पुरानी बीमारियों की भी जांच की गई। मरीजों को आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध कराई गईं और गंभीर मरीजों को आगे की जांच के लिए स्वास्थ्य केंद्र भेजने की व्यवस्था भी की गई।
बीजापुर के सीएमएचओ डॉ. बी.आर. पुजारी ने बताया कि दुर्गम स्थितियों के बावजूद टीम ने सौ प्रतिशत प्रयास कर हर गांव तक पहुँच बनाई। “ग्रामीणों में स्वास्थ्य शिविर को लेकर उत्साह देखने को मिला। लोगों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएँ मिलना ही हमारे लिए सबसे बड़ी सफलता है,” उन्होंने कहा।दुर्गम इलाकों में रह रहे सैकड़ों लोगों के लिए यह स्वास्थ्य शिविर न सिर्फ उपचार का माध्यम बना बल्कि उन्हें यह भरोसा भी दिलाया कि प्रशासन हर परिस्थिति में उनके साथ खड़ा है।






















