अभिषेक सोनी बलरामपुर। बलरामपुर जिले में सड़कों की जर्जर हालत और यातायात नियमों की लगातार हो रही अनदेखी के चलते सड़क दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन कहीं न कहीं छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं, जिससे जन-धन की हानि हो रही है।

खराब सड़कों, बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों,स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यातायात विभाग ने नियमों की अनदेखी करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। लगातार चलानी कार्रवाई करते हुए बिना हेलमेट, बिना सीट बेल्ट, ओवर स्पीडिंग व गलत दिशा में वाहन चलाने वालों पर जुर्माना लगाया जा रहा है।बीते माह में सैकड़ों वाहन चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की गई।


यातायात विभाग ने जारी किए आंकड़े , दुर्घटनाओं में आई कमी लेकिन मृत्यु के आंकड़े बढ़े

जनवरी से मई 2025 के बीच कुल 147 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जो कि पिछले वर्ष 2024 की तुलना में 3 कम हैं (2024 में 150 दुर्घटनाएं)। हालांकि मृतकों की संख्या में हल्की वृद्धि दर्ज की गई – 2024 में 96 मृत्यु हुई थी जबकि 2025 में यह आंकड़ा 101 तक पहुंच गया। घायलों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि देखी गई – 2024 में 106 की तुलना में 2025 में 153 घायल हुए।


चालानी कार्यवाही में भारी वृद्धि, जुर्माना वसूली में 52% की बढ़ोत्तरी

2024 में 7402 चालान के मामले दर्ज किए गए थे जिससे ₹25,64,000 की वसूली हुई थी। वहीं, 2025 में यह आंकड़ा 10855 मामलों तक पहुँच गया और ₹39,21,200 का जुर्माना वसूला गया।

प्रमुख उल्लंघन और जुर्माना विवरण (2025):

तेज गति से वाहन चलाने पर 33 चालान, ₹59,500 जुर्माना।

रजिस्ट्रेशन से अधिक भार लादने पर 2 प्रकरण, ₹64,000 जुर्माना।

मालवाहक वाहनों में अवैध रूप से यात्री परिवहन पर 185 प्रकरण, ₹55,500 वसूली।

शराब सेवन कर वाहन चलाने के 713 मामलों में चालानी कार्रवाई की गई।

बिना हेलमेट: 1009 प्रकरण, ₹4,98,300 जुर्माना।

बिना सीट बेल्ट: 1436 प्रकरण, ₹7,25,100 जुर्माना।

लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने के 5 मामले, ₹10,000 जुर्माना।

लायसेंस निरस्तीकरण में विभागीय निष्क्रियता

01 जनवरी से 31 मई 2025 के दौरान पुलिस द्वारा परिवहन विभाग को 111 प्रकरण लायसेंस निरस्तीकरण हेतु भेजे गए। परिवहन विभाग द्वारा सभी 111 प्रकरणों में कार्रवाई की गई।जहां सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में मामूली गिरावट आई है, वहीं घायलों और मृतकों की संख्या चिंताजनक स्तर तक बढ़ी है। यातायात नियमों के उल्लंघन पर की गई कार्यवाहियों में वृद्धि से स्पष्ट है कि सड़क सुरक्षा को लेकर प्रशासन अब अधिक सख्त रवैया अपना रहा है। परंतु, लायसेंस निरस्तीकरण जैसी प्रक्रियाओं में विभागों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!