

बलरामपुर: जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा 11 दिसम्बर 2025 को जिला कार्यालय बलरामपुर मे प्रातः 11 बजे से बैठक आयोजित किया जाना निर्धारित है, विगत जिला स्तरीय सत्यापन समिति की बैठक उपरांत निर्मित परिस्थिति को देखते हुये जिला कार्यालय बलरामपुर में काफी संख्या में भीड़ एकत्रित होने की संभावना है, जिसके कारण भीड़ के आक्रोश एवं तनाव की स्थिति निर्मित होने से लोक परिशांति भंग होने की संभावना है। अतः कानून व्यवस्था की स्थिति को प्रभावित करने तथा बाधा पहुंचाने के साथ शासकीय संपति को क्षति पंहुचाने का अंदेशा है।
उक्त स्थिति के मद्देनजर जिला कार्यालय बलरामपुर में कानून व शांति व्यवस्था लोकहित, लोकसुरक्षा एवं आपराधिक गतिविधियों पर नियत्रंण, विधिपूर्वक नियोजित किसी व्यक्ति को बाधा, क्षोभ या क्षति या मानव जीवन स्वास्थ्य या क्षेम को खतरे का या लोक परिशांति विक्षुब्ध होने का, या बलवे या दंगे होने की आंशका को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी राजेन्द्र कटारा के द्वारा जिला कार्यालय बलरामपुर के 500 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू किया गया है। इस दौरानड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी / सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर भले ही ये अनुज्ञप्तिधारी हों, किसी प्रकार का विस्फोटक पदार्थ, अस्त्र-शस्त्र, धारदार घातक हथियार आदि को लेकर नहीं चलेगा। धार्मिक परंपरा अनुसार रखे जाने वाले कृपाण आदि पर यह कण्डिका प्रभावशील नहीं होगी। साथ ही जिला कार्यालय बलरामपुर के 500 मीटर की परिधि में कोई भी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह द्वारा सभा, रैली, जुलूस-प्रदर्शन, धरना, हड़ताल किया जाना प्रतिबंधित होगा अथवा एक समय में किसी स्थान पर 04 से अधिक व्यक्ति एक साथ एकत्रित नहीं हो सकेंगे। जिला अंतर्गत किसी भी स्थान में सभाओं, रैली, जुलूस, धरना प्रदर्शन, हड़ताल आदि के दौरान शासकीय एवं निजी संपत्तियों को क्षति पहुंचाना, पुतला दहन, तोड़-फोड़ एवं टायर आदि जलाकर मार्ग अवरूद्ध कर यातायात बाधित करना तथा आम नागरिकों में दहशत फैलाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
यह आदेश सभी प्रकार के दलों, संगठनों, संघों तथा आम जनता जो सभा, रैली, जुलूस, धरना प्रदर्शन, हडताल आदि के उद्देश्य से बिना अनुमति के एकत्रित होने पर लागू रहेगा। यह आदेश 11 दिसम्बर 2025 से आगामी आदेश पर्यन्त तक जिला कार्यालय परिसर बलरामपुर के 500 मीटर की परिधि में प्रभावशील रहेगा।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/व्यक्तियों के समूह के विरुद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 188 के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जायेगी।























