

बलरामपुर: जिले में परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए किसान अब नवाचार और आधुनिक तकनीक को अपनाकर आर्थिक समृद्धि की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। फूलों की खेती विशेष रूप से गेंदा और गुलाब किसानों के लिए आय का सशक्त साधन बनकर उभर रही है। विकासखण्ड बलरामपुर के ग्राम राधाकृष्णानगर के प्रगतिशील कृषक श्री नीताई मिस्त्री इसकी जीवंत मिसाल हैं, जो फूलों की खेती से न केवल आत्मनिर्भर बने हैं बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन रहे हैं।
कम लागत से शुरुआत और मेहनत से मिली सफलता
नीताई मिस्त्री ने कई वर्ष पूर्व बहुत कम लागत में फूलों की खेती की शुरुआत की थी। कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से मार्गदर्शन लेकर निरंतर मेहनत, अनुभव और वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाते हुए धीरे-धीरे उनकी फसल की पैदावार और गुणवत्ता में वृद्धि होती गई। इसका प्रत्यक्ष परिणाम है कि कम लागत में उन्हें अच्छा मुनाफा मिलने लगा और फूलों की खेती उनकी मुख्य आय का साधन बन गई।
आधुनिक तकनीक से बढ़ी उत्पादन क्षमता
श्री मिस्त्री द्वारा आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रभावी उपयोग किया जा रहा है। मल्चिंग एवं टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) के माध्यम से वे 1 एकड़ में गुलाब तथा 2 एकड़ में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। आधुनिक सिंचाई व्यवस्था से पानी की बचत के साथ-साथ उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है।
जिले सहित अन्य जिलों में भी फूलों की मांग
नीताई मिस्त्री के गुलाब एवं गेंदा फूलों की मांग बलरामपुर जिले के साथ-साथ आसपास के अन्य जिलों में भी रहती है। विशेष रूप से मई माह के अंतिम सप्ताह से जून माह तक शादी-ब्याह, पूजा-पाठ एवं अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के चलते फूलों की मांग अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे बाजार भाव भी बेहतर मिलते हैं। फूलों की उत्कृष्ट गुणवत्ता के कारण इनके उत्पादों को विवाह एवं आयोजनों में विशेष प्राथमिकता दी जाती है।
प्रति वर्ष अर्जित कर रहे लाखों की आमदनी
फूलों की खेती से नीताई मिस्त्री को प्रति वर्ष लगभग 3.5 लाख से 4 लाख रुपये तक की आय हो रही है। यह आय उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के साथ-साथ भविष्य की योजनाओं को भी मजबूती प्रदान कर रही है।
नीताई ले रहे फसलों और सब्जियों की विविध खेती
फूलों की खेती के साथ-साथ श्री मिस्त्री उन्नत किस्म के बीजों का उपयोग कर धान, मक्का, गेहूं एवं सरसों की खेती भी कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के मार्गदर्शन में वैज्ञानिक पद्धति अपनाकर वे अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त 1 एकड़ में ड्रिप सिंचाई के माध्यम से टमाटर, खीरा, बैगन एवं फूलगोभी जैसी सब्जियों की खेती कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रहे हैं।
फलोद्यान, पशुपालन और मुर्गी पालन से अतिरिक्त आय
कृषि को बहुआयामी बनाते हुए नीताई मिस्त्री ने 1 एकड़ में आम एवं लीची के फलदार पौधे भी लगाए हैं, जिससे उन्हें नियमित रूप से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही वे पशुपालन एवं मुर्गी पालन का कार्य भी कर रहे हैं, जिससे उनकी आय के स्रोत और अधिक सशक्त हुए हैं।
अन्य किसानों के लिए बने प्रेरणा का स्रोत
कृषि के क्षेत्र में नवाचार, परिश्रम और उन्नत कार्यों के लिए नीताई मिस्त्री को विभिन्न कार्यक्रमों में कई बार सम्मानित किया जा चुका है। उनकी सफलता यह सिद्ध करती है कि यदि किसान आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक मार्गदर्शन और विविध खेती को अपनाएं, तो कृषि को लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है। नीताई मिस्त्री की यह सफलता की कहानी जिले के अन्य किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो उन्हें परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक एवं लाभकारी कृषि अपनाने की दिशा दिखाती है।





















